Formal Letter In Hindi For Class 7th To 12th
Formal Letter In Hindi :- स्कूल की परीक्षा हो या आपको अपना कोई कार्य सरकारी दफ्तरों में या अपने कार्यालय में करवाना हो एक औपचारिक पत्र की आवश्यकता जरूर पड़ेगी इस वजह से आपको Formal Letter In Hindi कैसे लिखते है यह पता होना चाहिए।
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अगर आप यह सोच रहे हैं कि आजकल मोबाइल का युग है और पत्र की जरूरत खत्म होती जा रही है तो आपको बता दें कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। आज भी व्यवसाय या सरकारी कार्य में लिखित कागजों की आवश्यकता पड़ती है और एक लिखित पत्र का महत्व बहुत अधिक होता है।
अर्थात आपको औपचारिक पत्र लिखना अच्छे से आना चाहिए ताकि आप किसी कानूनी दांवपेच में कभी ना फंसे। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए आज इस लेख में हम आपको Formal Letter In Hindi के बारे में बताने जा रहे हैं।
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Formal Letter In Hindi – औपचारिक पत्र
अब हम आपको औपचारिक लिए क्या-क्या तरीके होते है और स्टेप बाय स्टेप तरीके से हम आपको औपचारिक पत्र लिखने का तरीका बताने जा रहे हैं।
Step 1. सेवा में लिख कर आपको इस पत्र को शुरू करना है उसके बाद सेवा में, के ठीक नीचे बाई ओर उसी लाइन में आपको पत्र प्राप्त करने वाले का पद नाम और पता लिखना हैं।
Step 2. उसके बाद आपको एक लाइन छोड़ कर उसी हसीए से लिखना है विषय में आप किस लिए पत्र लिख रहे है इस बात को एक लाइन में स्पष्ट रूप से बताना हैं।
Step 3. उसके बाद फिर एक लाइन छोड़कर अब को भाई और से संबोधन देना है जैसे अगर आप यह शब्द किसी पुरुष के लिए लिख रहे है तो महोदय या श्रीमान जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना है अथवा अगर आप यह पत्र किसी महिला को लिख रहे हैं तो श्रीमती जैसे शब्दों से संबोधित करना हैं।
Step 4. उसके बाद आपको बाई ओर उसे उसी हाशिए में अपना लेख शुरू करना है और प्रथम अनुच्छेद में आपको “सविनय निवेदन यह है कि” लिखकर लेख को शुरू करना है इस अनुच्छेद में आपको अपनी समस्या के बारे में स्पष्ट रूप से बताना हैं।
Step 5. अपनी समस्या स्पष्ट रूप से बताने के बाद आपको एक लाइन छोड़ना है इसके बाद आपको दूसरा अनुच्छेद शुरू करना है जिस अनुच्छेद में अब वो स्पष्ट रूप से समझाना है कि आप क्या चाहते हैं इस अनुच्छेद को श्रीमान या श्रीमती से नम्र निवेदन है कि लिखकर शुरू करना हैं।
Step 6. उसके बाद आपसे उम्मीद रखता हूं और कष्ट के लिए क्षमा आया धन्यवाद जैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हुए अपने औपचारिक लेख का अंत करना है और एक हस्ताक्षर करना हैं।
Step 7. इसके बाद बाएं और ही उसी लाइन में थोड़ा नीचे बढ़कर आपको अपना पता और नाम स्पष्ट रूप से देना हैं।
ऊपर बताए गए सभी स्टेप्स का अगर आप आदेश अनुसार अनुसरण करते है तो आप एक अच्छा औपचारिक पत्र लिख पाएंगे और आपके कार्य के संभव होने की संभावना कई गुना बढ़ जाएगी।
Formal Letter के प्रकार
जैसा कि आप यह समझते है कि जब हम किसी ऐसे व्यक्ति को कोई पत्र लिखते है जिससे हमारा कोई निजी संबंध ना हो तो इसे हम औपचारिक पत्र कहते है उन औपचारिक पत्र के प्रकार के बारे में नीचे बताया गया हैं।
प्रार्थना पत्र: आमतौर पर जब हम अपने रोजमर्रा के जीवन में कुछ ऐसे पत्र लिखते है जिसमें हम किसी से अनुरोध या निवेदन करते है या छुट्टी, सुधार, शिकायत जैसी बातों पर जोर डालते है तो इसे हम प्रार्थना पत्र कहते हैं।
जैसे:- अपने इलाके के दरोगा को चोरी के लिए शिकायत, या अपने स्कूल के प्राचार्य को छुट्टी के लिए निवेदन।
कार्यालय पत्र: जैसा कि हम जानते है कार्यालय का अर्थ होता है काम करने वाला घर। वह किसी भी प्रकार का पत्र जो किसी कार्यालय में भेजा जा रहा है उसे कार्यालय पत्र कहते हैं जैसे सरकारी कार्यालयों में भेजे गए पत्र को कार्यालय पत्र कहते हैं।
जैसे:- डाक अधीक्षक को लिखा गया पत्र, परिवहन विभाग को लिखा गया पत्र, थाना प्रभारी को लिखा गया पत्र आदि।
व्यवसायिक पत्र: ऐसा बहुत बार होता है जब हम फंसाए करते हैं उसमें खरीद बेच के लिए या पैसों की लेनदेन के लिए जब हम पत्र लिखते है तो इसे व्यवसायिक पत्र कहते है व्यापर में इस प्रकार की पत्र देना और लेना आम बात हैं।
Letter लेखन के प्रकार
पत्र किसी से बात करने का एक अच्छा जरिया हुआ करता था पहले जब हमारे बीच फोन नहीं आया था तो पत्र लिखकर अपने मन की बात है एक दूसरे से कहा करते थे। आज भी कार्यालय में एक लिखित पत्र का काफी महत्व होता है हम अपने रोजमर्रा के जीवन में दो प्रकार के पत्र का इस्तेमाल करते हैं।
औपचारिक पत्र: जब हम किसी ऐसे व्यक्ति या संस्था को पत्र लिखते है जिसका हमारे साथ कोई निजी संबंध ना हो बल्कि कोई व्यवसायिक संबंध हो जैसे स्कूल के प्रधानाध्यापक को, अपने इलाके के दरोगा को, पत्र संपादक को, आदि।
अनौपचारिक पत्र: जब हम किसी ऐसे व्यक्ति को पत्र लिखते है जिसका हमारे साथ निजी संबंध हो जैसे अपने किसी दोस्त को या अपने किसी रिश्तेदार को तो इस प्रकार के पत्र को हम अनौपचारिक पत्र कहते हैं।
Formal Letter लिखते वक्त ध्यान देने वाली बातें
जैसा कि इस लेख में हम आपको औपचारिक पत्र के बारे में बताने जा रहे है औपचारिक पत्र लिखते वक्त तो कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है उन खास बातों को बिंदु के रूप में नीचे बताया गया हैं।
- औपचारिक पत्र एक खास तरीके से लिखा जाता है इसके तरीके में आप किसी भी प्रकार का छेड़छाड़ नहीं कर सकते।
- औपचारिक पत्र में केवल आप मुद्दे की बात रखते है इसमें आप कुशल मंगल या समाचार कैसा है इस प्रकार की बातों का इस्तेमाल नहीं कर सकते।
- इस प्रकार के पत्र में आपका लिखा गया शब्द स्पष्ट और सुंदर होना चाहिए शुरुआत और अंत काफी प्रभावशाली तरीके से लिखा गया होना चाहिए।
- इस प्रकार के पत्र एक ही पन्ने में होने चाहिए साथ ही पत्र के सभी शब्द बाई ओर एक हसिए (लाइन) में होने चाहिए।
- इस प्रकार के पत्र में अपना नाम और पता देना बिल्कुल ना भूलें। अगर आप यह पता अपने स्कूल या कॉलेज के प्रधानाचार्य को लिख रहे हैं तो उस वक्त आप पता के स्थान पर अपना कक्षा और क्रमांक दे सकते हैं।
Formal Letter के बारे में पूछे जाने वाले प्रश्न:
प्रश्न1. औपचारिक पत्र कैसे लिखे जाते हैं?
उत्तर – औपचारिक पत्र बाई और सेवा में से शुरू किया जाता है उसके बाद पत्र धारक के पद का नाम लिखकर आपको अपना विषय और उसके बाद पहले अनुच्छेद में अपनी समस्या के बारे में और दूसरे अनुच्छेद में आपकी क्या मांग है।
उसके बारे में बताया जाता है अंत में अपना नाम अपना हस्ताक्षर और अपना पता देकर लेख को खत्म किया जाता है इस लेख में आपको सभी चीज बाई ओर रखनी होती है और प्रभावशाली तरीके से पत्र की शुरुआत और अंत की जाती हैं।
प्रश्न2. औपचारिक पत्र कैसे शुरू करते हैं?
उत्तर – औपचारिक पत्र बाई और सेवा में लिखकर शुरू करते है और उसके ठीक नीचे पत्र धारण करने वाले का पता लिखते हैं।
प्रश्न3. औपचारिक पत्र कब लिखा जाता हैं?
उत्तर – औपचारिक पत्र हम अपनी तकलीफ बताने, शिकायत करने, निवेदन या छुट्टी मांगने के लिए लिखते हैं।
प्रश्न4. औपचारिक पत्र कैसे लिखते हैं?
उत्तर – औपचारिक पत्र को नहीं लिखा जाता है जिनके साथ हमारा निजी संबंध नहीं होता बल्कि कार्य बध संबंध होता है जैसे किसी कार्यालय या विद्यालय स्कूल को।
निष्कर्ष : –
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